Thursday 21 July 2016

सिर्फ व्रत का आहार ही नहीं है साबूदाना

सखियों, होली के मौसम में साबूदाने के पापड़ हम लोगों ने खूब खायें हैं । इसके अलावा साबूदाने को व्रत का आहार भी माना जाता है । इस का सेवन फलाहार के रूप में किया जात है । साबूदाना सिर्फ व्रत का आहार ही नहीं है बल्कि इसके कुछ खास गुणों के कारण यह कई तरह से हमारे लिये फायदेमंद साबित होता है ।


1.    साबूदाना शरीर में गर्मी को संतुलित करता है और शरीर को तरोताजा रखने में मदद करता है । इसके लिये इसका सेवन चावल के साथ करना चाहिये ।


2.    दस्त, पेचिश, अतिसार में साबूदाना लाभदायक होता है। इसके लिये इसे बिना दूध के इसकी खीर तैयार करनी चाहिये जो ऐसी हालत में तुरंत असरदायक सिद्ध होती है।


3.    साबूदाने का एक मुख्य तत्व पोटेशियम भी होता है जिसका गुण रक्तचाप को नियंत्रित करना है । इसके अलावा पोटेशियम से मांसपेशियॉं भी सुगठित होती हैं ।


4.    पेट की दिक्कतों में साबूदाना काफी फायदेमंद साबित होता है । अगर किसी को पाचन में दिक्कत, गैस, अपच की शिकायत हैं तो उसे साबूदाना अपने भोजन में शामिल करना चाहिये ।


5.    शरीर में तुरंत ऊर्जा के लिये साबूदाने का प्रयोग किया जा सकता है । साबूदाना कार्बोहाइड्रेट का बढिया स्रोत माना जाता है।


6.    गर्भ में पल रहे शिशु के लिये भी साबूदाना लाभदायक माना जाता है । साबूदाने में फोलिक एसिड और विटामिन बी काम्पेक्स भरपूर होता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिये उपयोगी सिद्ध होता है ।


7.    साबूदाना कैल्शियम से भी भरपूर होता है जिसके कारण यह दांतों और हड्डियों के मजबूत बनाने में लाभदायक होता है ।


8.    कमजोर और दुबले पतले व्यक्ति अगर अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो उनके लिये साबूदाना उपयोगी साबित होगा । इसमें मौजूद पोषक तत्व, विटमिन्स, मिनरल्स, कार्बोहाईड्रेट वजन बढ़ाने मे कारगर साबित होते हैं ।


9.    साबूदाना खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है इसलिये यह तुरंत थकान कम करता है और शरीर का पोषण करता है ।


10.    साबूदाना एक तरह से फेसमास्क का भी काम करता है । इसका पेस्ट बना कर चेहरे पर लगाने से पुरानी त्वचा हटती है, चेहरे पर कसावट आती है और झुर्रियों भी कम होती हैं ।



Sunday 17 July 2016

नशे से मुक्ति संभव है


शराब, धूम्रपान, गुटखा आदि से आज न सिर्फ लोगों की सेहत खराब हो रही है बल्कि आज यह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण भी बनते जा रहे हैं । शराब के कारण आज हजारों लाखों लोग लीवर ऐबसिस, फैटी लीवर जैस रोग का शिकार बन रहे हैं वहीं तंबाकू का सेवन मुंह के कैसर को दावत दे रहा है । पुरूषों में फैलने वाले कैंसर में 40 प्रतिशत कैंसर सिर्फ तंबाकू के सेवन के कारण मुंह का कैसर है ।


नशे के कारण न सिर्फ परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होती है बल्कि किसी गंभीर बीमारी की चपेट में आने पर जान के साथ साथ घर की संपत्ति भी स्वाहा हो जाती है । ऐसी अवस्था में घर की महिलाओं के  ऊपर क्या बीतती है यह एक स्त्री ही समझ सकती है। नशा छुड़ाने का एक बड़ा बढ़िया देशी इलाज है । और अगर नशा करने वाला व्यक्ति थोड़ी सी इच्छाशक्ति का प्रयोग करे तो वह नशे से मुक्त हो सकता है ।


नशा छोड़ने के लिये वैसे तो बाजार में कई दवाएं आती हैं पर यह देशी दवा है और असरकारक भी । अमूमन देखा जाता है कि तलब उठने पर अगर शरीर को किसी दूसरी चीज से बहला दिया जाये तो धीरे धीरे शरीर और दिमाग फिर नशे से दूर होने लगता है और एडिक्शन धीरे धीरे कम होता जाता है । ऐसी ही एक दवा घर में तैयार की जा सकती है जो नशे की तलब उठने पर मुंह में  डाल लेने से, शरीर धीरे धीरे नशे की मांग करना कम कर देता है और कुछ समय बाद नशे की आदत से मुक्ति मिल जाती है । आईये, आपको उस दवा को तैयार करने का नुस्खा बताते हैं ।


एक पाव अदरक लेकर उसे छील लें और फिर उसके छोटे छोटे टुकड़े तैयार कर लें । इन कटी हुयी अदकर में 4-5 नीबूओं का रस मिला लें और स्वाद के लिये थोड़ा सा काला नमक डाल लें । अब इसे धूप में सुखा लें । अब जब भी गुटखा या तंबाकू की तलब उठे तब एक टुकडा अदरक ले कर मुंह में डाल लें । अदरक के इस टुकड़े को दांत से काटना नहीं हैं बल्कि चूसना है । यह काफी देर तक आपके मुंह में रहेगी । यह जब तक आपके मुंह में रहेगी आपको शराब, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू या दूसरे नशों की तलब नहीं उठेगी । जब जब आपका दिमाग नशे की और जाये आप उसे अदरक के इस टुकड़े की मदद से दूसरी तरफ मोड़ने में सफल होंगे ।


15 दिन यह प्रयोग करने के बाद आप पायेंगे कि नशे की तलब अब उतनी नहीं रही जितनी की पहले थी । यह नशे पर आपकी मनोवैज्ञानिक जीत है । इस जीत को खत्म नहीं करना है बल्कि आगे बढ़ना है । आपकी गाड़ी नशे के रास्ते से यू टर्न ले चुकी है । आप कठिन समय निकाल चुके हैं । अब बारी है कभी कभी दूसरों को नशा करते देख मन मचलने की या जब यार दोस्त आपको  फिर नशे की राह दिखाने लगें । ऐसे वक्त में आपको अपना मन पक्का करना होगा और यह सोचना होगा कि इस दुश्मन को मैंने अपने शरीररूपी किले से बहुत संघर्ष करके निकाला है । यह दुश्मन जो कि मेरे स्वास्थ, पैसों, घर की शांति, बीवी बच्चों से प्रेम, मॉं-पिताजी के आशीर्वाद, बच्चों के भविष्य का दुश्मन है आज फिर भेस बदल कर मुझे बहकाने आया है । मुझे कमजोर नहीं पड़ना है । आप ऐसे मौकों के लिये अदरक का यह टुकड़ा जेब से निकालिये और मुंह में डाल लीजिये । दुश्मन का काम तमाम ।


अदरक में सल्फर काफी मात्रा में पाया जाता है । जब हम अदरक चूसते हैं तो यह लार में घुल कर शरीर में जाता है और खून में मिलने लगता है । सल्फर शरीर के ऐसे हॉरमोंस को एक्टिव कर देता है जो नशा करने की इच्छा खत्म करते हैं । सांइस यह मानता है कि हमारा दिमाग नशे की डिमांड तब करता है जब शरीर में सल्फर की मात्रा कम होने लगती है । जब अदरक के माध्यम से हमारे शरीर में सल्फर पहूंचता है तब दिमाग नशे की मांग नहीं करता और शांत हो जाता है ।


सखियों इस तरह से हम अपने परिवार के किसी सदस्य को सुधरने में मदद कर सकते हैं जो नशे का बुरी तरह आदी बन चुका है या जिसने अभी अभी यह लत पकड़ी है ।