Saturday 30 April 2016

दाद-खाज, खुजली का कारण और घरेलु इलाज

दाद-खाज या खुजली त्वचा की बीमारी है । कभी न कभी हर एक व्यक्ति जीवन में इस बीमारी का शिकार होता है । किसी पब्लिक प्लेस पर बार बार शरीर खुजलाना हंसी का पात्र बना देता है । बहुत बार यह गर्मी और उमस के मौसम में पसीने के कारण शुरू होती है । मुख्यतः जांघों के बीच या फिर बांहों के बगल में, पीठ में इत्यादि । बहुत बार जोर से या अधिक खुजाला देने के कारण त्वचा कट जाती है और स्थिति गंभीर हो जाती है । सामान्य चर्म रोग की स्थिति में घर पर मौजूद औषधियों से हम इलाज कर सकते हैं पर स्थिति गंभीर हो तो डाक्टर से सलाह लेने में देर न करनी चाहिये । आईये देखते हैं कि खुजली या दाद खाज की क्या क्या वजहें होती हैं ।


दाद खाज और खुजली के आम कारण 

 

१.   कई बार यह अलर्जी के कारण होती है । ऐसे में शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं और   उनमें अत्यधिक खुजली होने लगती है ।

२.  मच्छर या दूसरे कीड़ों के काट लेने से ।

३.  मौसम में बदलाव होने से ।

४.  मानसिक तनाव के कारण भी ऐसा होता है ।

५.  त्वचा सूखी होने से ।

६.  अत्यधिक पसीना आने के कारण।

७.  साफ कपड़े न पहनने के कारण ।

८.   अंतः वस्त्रों का साफ न होने कारण ।

९.   गीले कपड़े पहनने के कारण ।

१०.  रोज  न नहाने के कारण ।

११.  फंगल इनफेक्शन के कारण ।

१२.  सिर में जूं या रूसी के कारण ।

१३.  नहाने का साबुन अच्छा न होने के कारण ।

१४.  त्चवा में संक्रमण के कारण ।

१५.  पेट साफ न होने, कब्जियत होने, खून दूषित होने के कारण ।

१६.  अधिक तेल, मसालेदार भोजन के कारण ।


दाद-खाज, खुजली के कुछ घरेलु इलाज


१.     दाद होने पर गुलकंद के साथ दूध पीने से राहत मिलती है ।

२.    अजवाइन के पानी से दाद को धोने से आराम मिलता है ।

३.    लाल गाजर के बुरादे को सेंधा नमक के साथ सेंक कर गरम गरम दाद पर डालने से आराम मिलता है ।

४.    केले के गूदे में नींबू का रस मिलाकर दाद पर लगाने से दाद मिटने लगता है ।

५.    कच्ची हल्दी का लेप दाद पर दिन में कई बार लगाने से भी राहत मिलती है ।

६.   नींबू का रस दाद में  लाभदायक होता है । दाद पर नींबू रगड़ने से दाद कुछ दिनों में दूर हो जाता है । दाद पर नींबू लगाने से जलन होती है ।

७.   दाद-खाज पर अलसी या नारियल का तेल कपूर के साथ लगाने पर भी आराम होता है।

८.   नियमित गाजर का जूस पीने से भी खुजली में आराम मिलता है ।

९.   आधी चम्मच काली मिर्च एक चम्मच गाय के घी में मिलाकर लगाने से खुजली दूर होती है ।

१०. सरसों के तेल में थोड़ा सा गंधक मिलाकर नहाने के पहले 15 मिनट तक लगा कर छोड़ दें फिर 15 मिनट बाद नहा लें ।

११.  तुलसी की पत्तियों को मसल कर उनका रस निकाल लें और उसमें सेंधा नमक मिलाकर खुजली वाले स्थान पर लगायें ।

१२.  रोजाना खाली पेट एक चम्मच नीम का रस एक चम्मच शहद के साथ लेने से भी खुजली की समस्या दूर होती है ।

१३.  नीम की पत्तियों को पीस कर दही के साथ दाद पर लगाने से दाद दूर होता है ।

१४.   खुजली के स्थान पर बर्फ लगाने से भी राहत मितली है ।

१५.   सेब का सिरका प्रभावित स्थान पर लगाने से भी आराम मिलता है ।

१६.   ऐलूविरा का गूदा खुजली वाले स्थान पर लगाते रहने से आराम मितला है और कुछ दिनों में यह समस्या दूर हो जाती है ।

१७.   एक चम्मच पिसा हुआ चिरायता रात को एक शीशे की गिलास में पानी भर कर  रख दें । सवेरे उस पानी को छान कर दिन में तीन बार एक एक कप पीयें । यह खून साफ करता है और बहुत से रोगों को भी दूर करता है ।

 

खुजली व दाद में कुछ सावधानियॉं 

 


१.     खुजली या दाद होने पर साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिये ।

२.    नियमित रूप  से स्नान आदि करना चाहिये ।

३.    खुजली वाले स्थान को नंगे हाथों से नहीं छूना चाहिये बल्कि एक साफ कपड़े से उसे हल्के हाथों से सहलाना चाहिये ।

४.    साबुन ऐसा होना चहिये जिसमें मॉस्चराइजर अधिक हो ।

५.    खुजली वाले स्थान को ठंडे पानी से साफ करना चाहिये ।

६.    अंतःवस्त्रों की साफ सफाई बहुत जरूरी है । कई बार गीले अंतःवस्त्र पहनने से फंगल इंफेक्शन हो जाता है ।


Friday 15 April 2016

शुगर, मधुमेह या डायबिटीज के घरेलु इलाज और सावधानियॉं


शुगर, मधुमेह या डायबिटीज एक ही बीमारी के अलग अलग नाम है । यह बीमारी बड़ी तेजी से आज भारत के शहरी इलाकों में पांव पसार रही है । आज 35 से 40 साल की उम्र आते आते शहरी युवा इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं । मुख्यतः यह बीमारी शरीर में इंसुलिन न बनने के कारण पनपती है लेकिन इस बीमारी को आज हम खुद दावत दे रहे हैं । हमारा बिगड़ा खान-पान और रहन सहन पैंक्रियाज को निष्क्रीय कर दे रहा है जिससे शरीर में इंसुलिन बनना कम हो जाता है या फिर बंद हो जाता है जिसके दुष्परिणाम शुगर की दवाएं या फिर इंसुलिन लेनी पड़ती हैं । इंसुलिन हमारे शरीर में भोजन द्वारा पैदा हुये ग्लूकोज को रक्त के द्वारा शरीर की लोखों कोशिकाओं में पहुंचाता है और उन्हें ऊर्जा प्रदान करता है ।


दवाओं के अपने साइड एफेक्ट हैं । शुगर अपने आप में कोयी रोग नहीं है पर यह शरीर को कमजोर करता जाता है और अगर इस पर नजर नहीं रखी गयी तो यह बहुत ही घातक सिद्ध होता है । आज डायबिटीज या शुगर से बचने के लिये हमें अपने खान पान और नियमित दिनचर्या पर ध्यान देना होगा । अगर आज हम नियमित रूप से व्यायाम करें, मार्निंग वाक करे, कुछ योगा करें और खान पान में मैदे से बनी चीजों का त्याग करदें तो इस बीमारी से बचाव मुश्किल नहीं है । मोटे रूप में अगर समझना चाहे तो मोटापा और शुगर दोनो लगभग एक दूसरे के पयार्यवाची हैं । अगर मोटापे से दूरी बनाये रखेंगे तो शुगर भी आप से दूर रहेगा।


डायबिटीज के लक्षण 

१.    पेशाब का जल्दी जल्दी आना ।

२.    त्वचा में खुजली होना ।

३.    आंखों से धुंधला दिखाई देना ।

४.    पैरों का सुन्न हो जाना ।

५.    प्यास अधिक लगना ।

६.    वजन कम होते जाना ।

७.    शरीर में अगर कहीं घाव हो गया हो तो घाव का जल्द न भरना ।

८.    थकान और कमजोरी लगना ।

९.    फोड़े फुंसियां बार बार निकलना ।

10.   यौन क्रियाओं में शिथिलता ।

११.   शरीर में सूजन आदि ।

 



डायबिटीज में कुछ घरेलु और आयुर्वेदिक औषधियॉं बड़ी कारगर हैं । आईये इनके बारे में जानते हैं ।

 

१.    डायबिटीज की बीमारी में व्यायाम और सुबह शाम की वॉक बेहद जरूरी है ।

२.  योगासनों से इस बीमारी में लाभ होता है । पेट से जुड़े आसन और प्राणायाम को अपने नियमित व्यायाम का हिस्सा बनायें ।

३.  जौ और चने का सेवन मधुमेह में लाभदायक सिद्ध होता है ।

४.  मेथीदाने को रात में शीशे के बर्तन या गिलास में पानी के साथ भिगो दें और सवेरे इसका पानी छान कर पी ले और मेथी दाने का भी दिन में कई बार सेवन करें ।

५.  चिरायते की पत्तियो का चूर्ण आधा चम्मच शीशे के गिलास में पानी के साथ रात में भिगो दें । सवेरे इस पानी को एक कप छान कर पी लें । बचे हुये पानी को भी दिन में पीयें । ये बड़ी तेजी से शुगर डाउन करता है ।

६.  मधुमेह में जामुन बहुत फायदेमंद है । जामुन के साथ साथ इसकी गुठलियॉं भी मधुमेह मे काम करती हैं । गुठलियों को सुखा कर इनका चूर्ण बनालें । आधा चम्मच चूर्ण आधी गिलास पानी में उबाल लें और ठंडा कर के दिन में 2 से 3 बार पीयें ।

७.  नीम की पत्तियों का चूर्ण पिसे हुये जीरे और अजवाइन के साथ एक चम्मच दिन में  कई बार  पानी के साथ ले सकते हैं ।

८.  करेले का जूस मधुमेह में लाभदायक होता है । करेला सब्जी में भी ले सकते हैं ।

९. चीनी और चीनी से बनी मिठाइयों से दूर रहें । चीनी जिस तरह से बनाई जाती है उसमें कई तरह के पेस्टिसाइड मिलाये जाते हैं जो शुगर और दूसरी बीमारियों को दावत देती हैं । इसके बजाये आप प्राकृतिक रूप से जिन चीजों में मिठास होती है उन्हें ले सकते हैं । चीनी का प्रयोग बहुत ही कम कर दें ।

१०. मांड निकाला हुआ चावल का प्रयोग करें, आलू का कम से कम प्रयोग करें, तली चीजों और मसालेदार भोजन से भी परहेज करें ।

११.  हरी धनिया की एक गड्डी मिक्सर में  एक गिलास पानी के साथ पीस लें और सवेरे खाली पेट इसे छान कर पीने से भी शुगर कम होती है ।

१२. अमरूद की 3 या 4 नयी कोमल पत्तियों को रात में एक गिलास पानी में भिगो दे और सवेरे उन पत्तियों को चबा कर वह पानी छान कर पी लें । इससे भी शुगर कम होती है ।

१३. इसी तरह मुलायम ताजी भिण्डियों को भी काट कर एक गिलास पानी में भिगो दे और सुबह उस पानी को छान कर पी लें । यह भी शुगर लो करता है ।

१४. गेंहू के हरे जवारों  का रस हर बीमारी में काम आता है । सवेरे सवेरे आधी गिलास हरे जवारे का रस शुगर लो करता है।

१५. अंवला और एलोवेरा का जूस आधा कप सवेरे सवेरे पीने से भी लाभ मिलता है ।

१६. तुलसी के पत्ते बेहतरीन एंटीआक्सिडेन्ट का काम करते हैं । ये कोशिकाओं को सक्रिय कर देते हैं और मधुमेह में बहुत कारगर हैं । सवेरे सवेरे इनके 5 या 7 पत्ते चबा कर खाने से लाभ होता है ।

१७.  एक चौथाई चम्मच पिसी दालचीनी न सिर्फ वजन कम करती है बल्कि कोलस्ट्राल के साथ साथ शुगर भी कम करती है ।

१८. सहजन जो की सुपर फूड के रूप में जाना जाता है इसके पत्तों के सेवन से भी ब्लड प्रेशर और शुगर में राहत मिलती है ।

१९. सफेद सदाबहार की पत्तियों को पीस कर सवेरे खाली पेट खाने से भी शुगर लेवल कम होता है ।

२०. मेथी, तोरई, लौकी, मूली, टमाटर, गाजर, पुदीना, अदरक, सूरन, करेला, चुकुन्दर, आदि के सेवन से भी मधुमेह में आराम मिलता है. 

२१. सॉफ्ट ड्रिंक्स कभी न पियें. एक दो लीटर की सॉफ्ट ड्रिंक्स की बोतल में तकरीबन १ पाव चीनी घुली होती है. एक बार में चीनी की इतनी अधिक मात्रा हमारे शरीर को कितना नुक्सान पहुंचाएगी इसकी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है.

 

सखियों,  ये कुछ कारगर घरेलु नुस्खे हैं जो मधुमेह की बीमारी में लाभ पहुंचाते हैं । सारे नुस्खों को एक साथ आजमाने की जरूरत नहीं है जो नुस्खा आसानी से आप अपना सकें उसे ही चुने । व्यायाम, 3 से 5 किलोमीटर की वॉक और योगासनों का नियमित प्रयोग भी जरूरी है । बेहतर होगा की किसी डाइटिशीयन से आप अपना डाइट चाट बनवा लें और उसका संकल्पपूर्वक पालन करें ।