Monday 29 February 2016
Sunday 28 February 2016
गठिया - कारण और निदान
गठिया
रोग होने का मुख्य कारण शरीर में यूरिक ऐसिड का बढ़ना माना जाता है । इसके कई नाम होते
है अर्थराइटिस, गठिया,
संधिवात आदि । यूरिक एसिड कई कारणों से बढ़ता
है जैसे प्रोटीन युक्त भोजन अधिक मात्रा में करना, खट्टी चीजों को अधिक प्रयोग भी यूरिक एसिड
को बढ़ाता है जैसे बासी मठ्ठे का सेवन, खट्टी दही खाना, नींबू का अधिक मात्रा में प्रयोग । फास्ट फूड भी इसका एक कारण है
। आलसी लोगों को भी यह रोग खूब सताता है । इस रोग में जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन आजाती है । यह कई प्रकार का
होता है एक्यूट, रूमेटाइट,
आस्टियो इत्यादि । यह अधिक्तर घुटनों में,
कुहनियों में, पैर के अंगूठे में, कूल्हों में होता है । रोग पुराना हो जाने पर हड्डियां टेढी मेढ़ी
भी होने लगती हैं ।
1. जोंड़ों पर नारियल के तेल में आधे नींबू का
रस मिला कर मालिश करने से राहत मिलती है । इसे लगाने से पहले जोड़ों को गुनगुने पानी
से धो कर पोंछ ले ।
2. नहाने से पहले एक बाल्टी पानी में दो चम्मच
सरसों का चूरा मिला लें । इस प्रकार नहाते रहने से भी गठिया में आराम मिलता है ।
3. एरंडी के तेल को हल्का सा गरम कर लें और
उसमें मैथी के बीज का आधा चम्मच चूरा मिला कर प्रभावित जोड़ों पर चुपड़ लें मालिश न करें
और फिर ऊनी कपड़े की पट्टी लपेट लें ।
4. लौंग के पत्ते पर देशी घी लगा कर तावे पर
गरम करलें और प्रभावित जोड़ों पर रख कर सूती कपड़े से बांध लें ।
5. जमीन से दो फिट नीचे की मुलायम मिट्टी निकाल
कर छान लें फिर उसे पानी डाल कर गूथ लें । इस मिट्टी को थोड़ा गरम करके प्रभावित जोड़ों
पर इसकी पट्टी लगायें और सूती कपड़े से 30 मिनट के लिये बांध लें । आधा घंटे बाद पट्टी को खोल कर गुनगुने
पानी से जोड़ को धो लें । यह प्रक्रिया कई हफ्ते तक करें । यह नेचुरोपैथी की एक सफल तकनीक
है ।
6. तिल के तेल में खस खस को पीस कर मिला लें
फिर तेल को गरम कर लें । प्रभावित जोड़ों पर इस तेल का लेप लगा कर एरंडी या गुलचीन के
पत्तों को रख कर सूती कपड़े से बांध लें ।
7. निर्गुण्डी इन्द्राणी के पत्तियॉं भी गठिया
में फायदा पहुंचाती हैं । इन पत्तियों को गरम करके जोड़ों पर सूती कपड़े से बांध लें
।
8. सिठौरे के लड्डू अपने आप में बहुत ही ताकतवर
और हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाने वाला चीज है । यह मुख्यतः गांव दिहात में महिलाओं
को प्रसव के बाद खाने के लिये दिया जाता है जिससे शरीर दुबारा शक्ति प्राप्त करता है
। इसमें मुख्य चीज हैं पिसी अलसी, गुड़,
गोंद, सौंठ, हल्दी, तरह तरह के मेवे, देशी धी । जोड़ों के दर्द में अलसी बहुत राहत
पहुंचाती है और इसमें 23
प्रतिशत ओमेगा.3
फेटी एसिडए 20
प्रतिशत प्रोटीनए 27
प्रतिशत फाइबरए लिगनेनए विटामिन बी ग्रुपए सेलेनियमए पोटेशियमए मेगनीशियमए जिंक आदि
होते हैं।
9. इस रोग में पेट का साफ रहना बहुत जरूरी है
। इसलिये मोटा अन्न खाना चाहिये जैसे चोकरयुक्त रोटी, हरी सब्जियॉं में सहजन, ककड़ी, लौकी, तोरई, गाजर इत्यादि । केला, रतालू, मक्का, बाजरा, दलिया, जौ, सूखे आड़़ू भी इस रोग में राहत देते हैं ।
10. एक हरड़ गुड़ के साथ खाने से लाभ होता है
11. एरंड का तेल गिलोय के रस के साथ सुबह शाम
एक चम्मच लेने से फायदा होता है ।
12. रात को सोने से पहले एरंड या जैतून का तेल
चुपड़ कर सूती कपड़ा बांध कर सो जायें । इससे भी दर्द कम हो जाता है ।
13. मेथी गठिया रोग में बहुत लाभदायक होती है
। इसके कई प्रयोग नीचे दिये हैं ।
अ.
50
ग्राम मेथी के दाने रात में 50 ग्राम जौ के साथ पानी में भिगो दें । सवेरे
अंकुरित मेथी जौ के साथ खाने से गठिया रोग में आराम मिलता है ।
ब . मेथी तवे पर लाल होने तक गरम कर लें फिर इसे पीस
ले. यह एक चम्मच सवेरे पानी के साथ लेने से भी गठिया में आराम होता है । यह गठिया
के अलावा शुगर और ब्लड प्रेशर में लाभदायक होती है ।
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Wednesday 24 February 2016
वजन कम करें 15 दिनों मे loose weight in 15 days
सखियों, भारत
में आज बिना खाये मरने वाले लागों से बहुत ज्यादा ऐसे लोगों की संख्या है जो खूब खा
पी कर बीमार पड़ रहे हैं और अपनी मौत की तैयारी कर रहे हैं । उदाहरण के लिये आज देश
में ब्लड प्रेशर,
शुगर, दिल की बीमारियों और किडनी फेल होने से होने वाली मौत के आंकड़ें
बढ़ते ही जा रहे हैं । बड़े दुख की बात है कि ये चारों जानलेवा बीमारी की शुरूआत मोटापे
से शुरू होती है । आज भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा शुगर पेशेंट हैं और यह आंकड़ा
बढ़ता ही जा रहा है । मोटापे से आपको इन चार बीमारियों के अलावा और भी कई बीमारियॉं
होती है जैसे गठिया,
लीवर की जानलेवा बीमारियॉं, अल्सर, कब्ज, बावासीर, भगंदर
और दूसरी तमाम बीमारियॉं । आज स्वस्थ रहने का एक ही मूल मंत्र है और वह है वजन कंट्रोल
करना, मोटापे से दूर रहना ।कुछ छोटी छोटी
चीजों से हम इस बीमारी
को दूर भगा सकते हैं । हॉं इसके लिये एक चीज बहुत जरूरी है और वह हैं इच्छा शक्ति का
होना क्योंकि बहुत बार हम कल से शुरू करेंगे
या अगले महीने से शुरू करेंगे, सोचते
सोचते बहुत देर कर देते हैं ।
सखियों, वजन
कम करने का जो तरीका मैं आपको बताने जा रही हूं इस तरीके से मैंने कई बार अपना बढ़ा
वजन 5 से 8 किलो तक कम किया है और वह भी बिना कुछ अधिक खर्च किये और बिना किसी दवा
या फ़ूड सप्लीमेंट के । जरूरत है बस 15 दिनों तक अपने ऊपर संयम रखने की और इच्छा शक्ति
की ।
1. अगर व्यक्ति अपने
कद के अनुसार अपना वजन बनाये हुये हैं तब वह औसत उम्र से 20 से 30 वर्ष अधिक जीता है
।
2. खाना खाने के तुरंत
बाद एक गिलास खूब गर्म पानी धीरे धीरे पीयें । यह भोजन को पचाने में मदद करता है और
शरीर में जमा चर्बी को भी गलाता है ।
3. वजन कम करने के
लिये आप कम से कम 15 दिन की योजना बना कर चलें ।
कुछ हफ्तों तक तली-भुनी चीजों (पूड़ी-परांठा), घी-तेल, मिर्च, मसालों, फैटी चीजें
जैसे मैदा, मीटए अंडा और मिठाईयों से दूर रहें ।
खमीर से पैदा हुयी चीजों का सेवन भी न करें ।
4. फलों और सब्जियों
का सेवन बढ़ा दें और भोजन में सलाद का इस्तेमाल अधिक करें । सब्जियों का सूप, फलों का
रस, अंकुरित अनाज का सेवन करें
5. सवेरे नाश्ते में
रात में भिगोये हुए मुन्नका, छुआरा, अंजीर,
बादाम का सेवन करें .
6. पानी का सेवन बढ़ा
दीजिये । कम से कम 4 से 5 लीटर पानी पीजिये ।
7. सवेरे कम से कम
30 मिनट की वॉक जरूर करें । अगर जॉगिंग कर सकते हैं तो और अच्छा होगा ।
8. सूर्य नमस्कार
शुरू में 5 से 10 बार करने का प्रयास करें । यह अपने आप में सम्पूर्ण व्यायाम है ।
कई फिल्म अभिनेत्रियॉं एक बार में 15 से 20 बार तक सूर्य नमस्कार करती है । यह पूरे
शरीर को हिला देने वाला व्यायाम है । जरूरी नहीं की आप मंत्रों के साथ ही इसे करें
। दस बार करने के बाद आप देखेंगे की शरीर से पसीना निकलने लगा है । इसको किसी जानकार
से सीखने के बाद ही करें,
परे करें जरूर, यह एक जादुई व्यायाम है जिसका पता इसे करने के बाद ही मालूम
पड़ता है ।
9. अनुलोम विलोम
के साथ कपालभाति प्राणायाम भी करें । प्राणायाम एक बोरिंग व्यायाम है लेकिन यह भी एक
जादुई व्यायाम है । बोरियत से बचने के लिये मैं एक तरीका अपनाती हूं । प्राणायाम सात
तरह के होते हैं । आप इन्हें करने के दौरान मोबाइल पर कोयी भजन या गाना लगा लें । जब
तक वह आडियो फाइल चलती रहेगी आपका मन लगा रहेगा साथ ही यह संकल्प भी करिये की जब तक
यह गाना चलेगा में प्राणायाम करती रहूंगी । इसके लिये आप 10 से 30 मिनट तक की फाइल
चुन सकती हैं ।
10. अगर आप कोयी आउट डोर खेल खेलने के शौकीन हैं जैसे बैडमिंटन, टेनिस आदि तो वह खेल खेलना शुरू कर दीजिये ।
11. घर से थोडी दूर
जाने के लिये गाड़ी का इस्तेमाल बंद कर दीजिये । पैदल या साइकिल का प्रयोग शुरू कर दीजिये
।
12. कम से कम 15 दिन
की आपकी दिनचर्या ऐसी होनी चाहिये ।
·
सवेरे एक से डेढ़ घंटे मार्निंग वॉक, सूर्यनमस्कार और प्राणायाम
करना चाहिये । शाम को भी 30 मिनट की वाक और 30 मिनट हल्की कसरत और प्राणायाम । इसके लिए घर के आस पास किसी पार्क का माहौल अच्छा रहेगा. अगर पार्क नहीं है तब आप घर की छत से भी शुरुआत कर सकती हैं.
·
सवेरे नाश्ते
में अंकुरित अनाज,
थोड़ा सा फल और रात में
भिगोये हुये चार चार दाना छुआरा, मुन्नका, अंजीर
और बादाम ।
·
दोपहर के खाने में 2 से 4 चोकर मिले आटे की रोटियॉं
और उबली हुयी हरी सब्जियॉं सलाद के साथ ।
·
बाजार के आयोडीन नमक की जगह सैंधा नमक का इस्तेमाल
करें । अगर आप बीपी के पेशेंट है तब सैंधा नमक का इस्तेमाल हमेशा करें ।
·
चाय में आप ग्रीन टी ले सकते है या फिर गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद के साथ
आधा नीबू का रस.
·
दिन में एक बार मलाई निकला हुआ दूध ले सकते हैं
। गाय का दूध हो तो और अच्छा है ।
आप देखेंगे की सिर्फ 15 दिन खान पान बदलने से और व्यायाम करने
से आप का 2 से 5 किलो तक वजन कम हो गया है
। आप शरीर हलका महसूस करेंगे और पहले से बेहतर
और स्वस्थ महसूस करेंगे । आप चाहें तो यह प्रयोग एक महीने या फिर तीन महीने तक कर सकती
हैं । वजन कम होने के बाद आप खान पान में हल्का परिवर्तन कर सकते हैं लेकिन आसन प्राणायाम, सूर्यनमस्कार और मार्निंग वॉक करना न छोड़ें । वजन हमेशा संतुलित
बना रहेगा ।
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